Wednesday, 13 May 2015

चांहे हो भूकम्प,बाढ़,सूखा ,या अकाल हो 
जंगलों का दोहन,या आंधी विकराल हो 
गर्मी ,भू जल कम ,या ज्यादा रेनफॉल हो 
दे रहे सन्देश कि प्रकृति की सम्भाल हो 
बढ़ती आबादी से ना प्रकृति कंगाल हो
मानव के कार्यो से ना प्राकृतिक बवाल हो  
आने वाली पीढियां सुखी हो,खुशहाल हो
प्रकृति की ,मिलकर सोचे कैसे देखभाल हो 
                              शालिनी शर्मा  
  सभी दोस्तों की प्रतिक्रियाएं अपेक्षित हैं 

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