तू नीम की पत्ती ,तू है कड़वा करेला
शादी तुझसे करा के मैंने पाला झमेला
तेरा रौब ना मैं सह पाउंगी
अब ना पैरो की जूती बन पाउंगी
मैं हूँ चंचल हिरणी तू है तरूवर एक कटीला
जब भी उलझी तूने मेरी नर्म देह को छीला
अब ना घाव कोई लगवाउंगी
दिन में तारे मैं तुझको दिखाऊंगी
तेरा रोब - - - - - - -- - - - -
सात वचन देके मुझको तू वचन ना एक निभाये
काम करे ना धाम करे बस रोज पी के आ जाये
मैं भी झाँसी की रानी बन जाऊंगी
तुझको नाको चने चबवाऊँगी
तेरा रोब - - - - - - - - - - - -
शालिनी शर्मा
शादी तुझसे करा के मैंने पाला झमेला
तेरा रौब ना मैं सह पाउंगी
अब ना पैरो की जूती बन पाउंगी
मैं हूँ चंचल हिरणी तू है तरूवर एक कटीला
जब भी उलझी तूने मेरी नर्म देह को छीला
अब ना घाव कोई लगवाउंगी
दिन में तारे मैं तुझको दिखाऊंगी
तेरा रोब - - - - - - -- - - - -
सात वचन देके मुझको तू वचन ना एक निभाये
काम करे ना धाम करे बस रोज पी के आ जाये
मैं भी झाँसी की रानी बन जाऊंगी
तुझको नाको चने चबवाऊँगी
तेरा रोब - - - - - - - - - - - -
शालिनी शर्मा
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