जिन्दगी संघर्ष है ,है थोड़ी सी मजबूरी
रहती है जिसमें हसरते कुछ ख्वाइशे अधूरी
है भाग दोड़ जिन्दगी , है रेस ये जरूरी
इक रोज थकके जिन्दगी ही हो जाती है फिर पूरी
शालिनी शर्मा
रहती है जिसमें हसरते कुछ ख्वाइशे अधूरी
है भाग दोड़ जिन्दगी , है रेस ये जरूरी
इक रोज थकके जिन्दगी ही हो जाती है फिर पूरी
शालिनी शर्मा
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