क्या पाया क्या गवांया करे जिन्दिगी सवाल
उलझन ना सुलझे ऐसा उलझा जिंदगी का जाल
आकाश पूछता है उड़ना कम क्यों कर दिया
पंछी तेरे परो को किसने क़तर दिया
क्यों सपनो के उड़ान की थम सी गयी है चाल
उलझन---------------------------
प्रश्नो के प्रश्न चिन्हो से जीवन तेरा घिरा
मजबूत महल तिनके तिनके हो के यों गिरा
बुनियाद की ईंटे किसी ने जैसे दी निकाल
उलझन ---------------------------
किसकी नजर ने खुशियों को छीना ,बिगाड़ा है
उल्लास का रंग फीका गम का रंग गाढा है
जिन्दगी के पृष्ठ कोरे खालीपन तू किताब
शालिनी शर्मा
उलझन ना सुलझे ऐसा उलझा जिंदगी का जाल
आकाश पूछता है उड़ना कम क्यों कर दिया
पंछी तेरे परो को किसने क़तर दिया
क्यों सपनो के उड़ान की थम सी गयी है चाल
उलझन---------------------------
प्रश्नो के प्रश्न चिन्हो से जीवन तेरा घिरा
मजबूत महल तिनके तिनके हो के यों गिरा
बुनियाद की ईंटे किसी ने जैसे दी निकाल
उलझन ---------------------------
किसकी नजर ने खुशियों को छीना ,बिगाड़ा है
उल्लास का रंग फीका गम का रंग गाढा है
जिन्दगी के पृष्ठ कोरे खालीपन तू किताब
शालिनी शर्मा
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