Wednesday, 11 May 2016

LOVE NATURE

मोर अगर नाचा जंगल में कोन उसे ताकेगा 
बदली  ढक ले  चाँद अगर फिर कैसे वो झांकेगा 
नारी भी कुछ कर सकती है अगर मिलेगा मौका 
पर कोई कूड़ मगज अज्ञानी अपनी ही हाँकेगा 
शालिनी शर्मा 




अपने पाठकों का तहेदिल से आभार जिन्होने आशा से अधिक आशीर्वाद ,और स्नेह दिया है।

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