Monday, 27 April 2015

BABUL:

बाबुल तुझको भुलाऊँ कैसे दिल को मनाऊ कैसे 
परदेसन मोहे काहे किया ,प्रीत से भर मन काहे दिया 
      अगनवा में तेरे खेली पली 
      उँगली पकड़ तेरी गिर गिर चली 
      बगिया की तेरी मैं थी कल 
ठंडी पुरवा सुहाये कैसे खुशबु भी भाये कैसे
दूर चमन से काहे किया 
परदेसन मोहे ------------
खुद जागी मुझको लोरी दे सुलाया 
नींद से कभी ना मुझको मइया ने जगाया 
हर मुश्किल से मुझको बचाया 
तेरा आँचल हिलाऊँ कैसे 
लोरी गुनगुनाउ कैसे 
कन्या दान प्रण काहे लिया 
परदेसन मोहे -------------
वो खेल खिलोने वो लड़ना लड़ाना 
रूठना मनाना वो चिढ़ना ,चिढ़ाना 
चिढ़ के वो भइया का मुझे धमकाना 
वो नखरे भइया को दिखाऊं कैसे 
रूठ के दिखाऊं कैसे 
डोली को निकलन काहे दिया 
परदेसन मोहे --------------
                              शालिनी शर्मा 

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